Haryana Ladli Yojana Apply: केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा बेटियों को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए और बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की जा रही है। बेटियों की शिक्षा में आने वाली आर्थिक तंगी को किया जा सके, इसलिए बेटियों के लिए यह एक कल्याणकारी योजना हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की है। बेटी पैदा होने पर इस योजना के माध्यम से माता पिता को प्रोत्साहित राशि प्रदान की जाएगी। इससे बेटियों के शिक्षा और विवाह पर होने वाले खर्च में आर्थिक मदद दी जा सके।
इस योजना की शुरुआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी द्वारा की गई है। योजना के तहत जिन बालिकाओं का जन्म अगस्त 2005 के बाद हुआ है, उन्हे लाभ मिलेगा। इस योजना के माध्यम से उन सभी के माता पिता को प्रतिवर्ष 5000 रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से बेटियों को आर्थिक मदद दी जाएगी। यह सहायता राशि दूसरी बेटी के जन्म पर किसान विकास पत्र के माध्यम से दी जाएगी। दो बेटियों वाले अभिभावक को ही बेटी जन्म के बाद उसके 5 साल के होने तक सरकार द्वारा 5000 रूपए सालाना की आर्थिक मदद दी जाएगी। हरियाणा वन मित्र योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें
Contents
- 1 Haryana Ladli Yojana in Hindi
- 2 हरियाणा लाड़ली योजना के उद्देश्य(Ladli Yojana Haryana Motive)
- 3 लाड़ली योजना हरियाणा के तथ्य(Haryana Ladli Yojana Facts in Hindi)
- 4 हरियाणा लाड़ली योजना के लाभ(Haryana Ladli Yojana Benefits)
- 5 लाडली योजना हरियाणा की पात्रता(Haryana Ladli Yojana Eligibility)
- 6 हरियाणा लाड़ली योजना के दस्तावेज़(Haryana Ladli Yojana Documents)
- 7 लाड़ली योजना हरियाणा में आवेदन कैसे करे(Haryana Ladli Yojana Apply Online)
- 8 FAQ
Haryana Ladli Yojana in Hindi
योजना का नाम | हरियाणा लाडली योजना |
राज्य | हरियाणा |
किसने शुरू की | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी ने |
उद्देश्य | बेटी के जन्म पर उनकी शिक्षा और जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता राशि देना |
लाभ | हर साल 5,000 रुपए की राशि दी जाएगी |
लाभार्थी | राज्य की बेटियां |
आवेदन कैसे करे | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्द शुरू होगी |
हरियाणा लाड़ली योजना के उद्देश्य(Ladli Yojana Haryana Motive)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों के जन्म पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। देश में कई ऐसी जगह है जहां बेटी होने पर उन्हें बोझ समझा जाता है। हरियाणा राज्य में बेटियों का जन्म प्रतिशत बेटों के मुकाबले कम रहता है। जिसे देखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से बेटियों को जन्म पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे समाज में बालिकाओं की स्थिति अच्छी होगी और उनके उचित पालन पोषण के लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जा सकेगा। निरोगी हरियाणा योजना
लाड़ली योजना हरियाणा के तथ्य(Haryana Ladli Yojana Facts in Hindi)
- इस योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि माता पिता को उनकी दूसरी बेटी के जन्म होने पर ही दी जाएगी।
- इस योजना के तहत हर साल पात्र आवेदक बेटी के माता पिता को 5,000 रुपए की राशि 5 साल तक दी जाएगी।
- योजना के तहत इन पैसों को दूसरी बेटी और माता के संयुक्त नाम से विकास पत्र में निवेश किया जाएगा।
- इस योजना के तहत पहली किश्त दूसरी बालिका के जन्म के 1 महीने के अंदर जारी की जाएगी।
- इस योजना के तहत अगर बालिका की किसी कारण से मृत्यु हो जाती है तो उन्हें प्रोत्साहन राशि मिलना बंद हो जाएगी।
- योजना के तहत बालिका के 18 साल की उम्र पूरी होने पर उसको ये पैसे दिए जायेंगे। हरियाणा ठेकेदार सक्षम युवा योजना
हरियाणा लाड़ली योजना के लाभ(Haryana Ladli Yojana Benefits)
- इस योजना के माध्यम से राज्य में बेटियों का पालन पोषण और पढ़ाई के लिए बेटी पैदा होने पर बेटी को आर्थिक सहायता का लाभ प्रदान किया जाता है।
- इस योजना के माध्यम से राज्य के सभी नागरिकों को जोड़ा गया है, चाहे उनकी जाति, धर्म, बेटों की संख्या कितनी भी हो।
- इस योजना का लाभ दूसरी बालिका जन्म पर मिलेगा।
- इस योजना के तहत माता पिता को दोनों बालिकाओं के जन्म को पंजीकृत करना होगा और उचित टीकाकरण करवाना होगा, जिसे बाद में प्रत्येक भुगतान प्राप्त करने के समय दिखाना होगा।
- समाज में बालिकाओं के उचित पालन के लिए लोगों की मानसिकता में इस योजना के माध्यम बदलाव लाने में सहायता मिलेगी।
- महिलाओं के घटते लिंगानुपात में ओर परिवारों में लड़कियों की संख्या में इस योजना के तहत वृद्धि होगी।
- इस लाभ की राशि को हर पात्र बालिका 18 साल होने पर ही निकाल सकती है।
- यह योजना बेटियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, जिससे बेटियों की शिक्षा में होने वाली आर्थिक तंगी को भी दूर किया जा सकेगा।
- बेटियों के विवाह पर होने वाले खर्च में भी इस योजना के तहत सहायता मिल सकेगी।
लाडली योजना हरियाणा की पात्रता(Haryana Ladli Yojana Eligibility)
- आवेदक को हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए।
- इस योजना के लिए पात्र केवल दो बेटियों के अभिभावक होंगे।
- परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- इस योजना के आवेदन करने हेतु आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के परिवार पात्र होंगे।
- इस योजना को वहीं बेटियां पात्र होगी जिनका जन्म 30 अगस्त 2005 के बाद हुआ हो। हरियाणा चिराग योजना क्या है
हरियाणा लाड़ली योजना के दस्तावेज़(Haryana Ladli Yojana Documents)
- आधार कार्ड
- माता पिता का पहचान पत्र
- बीपीएल राशन कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक खाता पासबुक
- माता पिता का पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाते की जानकारी पासबुक
लाड़ली योजना हरियाणा में आवेदन कैसे करे(Haryana Ladli Yojana Apply Online)
- इसके लिए सबसे पहले बालिका के माता पिता को अपने पास के आंगनवाड़ी केंद्र, सरकारी अस्पताल या बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में जाना होगा।
- वहा पर आपको इस योजना का फॉर्म मिलेगा।
- इस फॉर्म में आपको सारी मांगी गई जानकारी भरनी होगी और सारे मांगे गए दस्तावेज भी जोड़ने होंगे।
- फिर आपको इस फॉर्म को संबंधित आंगनवाड़ी केंद्र पर जाकर जमा करवा देना है।
- इस तरह से आपने इस योजना के लिए आवेदन कर दिया है।
- अब अगर सब ठीक रहा तो जांच के बाद पात्र बालिका को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। हरियाणा किसान मित्र योजना क्या है
FAQ
लाडली योजना हरियाणा के तहत कितना लाभ दिया जाएगा?
लाडली हरियाणा योजना का लाभ किसे मिलेगा?
इस योजना का लाभ हरियाणा राज्य की उन्ही बालिकाओं को मिलेगा, जिनका जन्म अगस्त 2005 की बाद हुआ है और जिनके परिवार की सालाना आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं हो।
लाडली योजना हरियाणा के तहत बालिका अपनी राशि कब निकल पाएगी?
इस योजना के तहत हर पात्र लाभार्थी बालिका उसकी आयु 18 साल पूरी होने पर वह अपने पैसे निकाल पाएगी।
लाडली योजना हरियाणा क्या है?
लाडली योजना हरियाणा सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और उनके शैक्षणिक और आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत बेटियों के जन्म पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ताकि उनका पालन-पोषण और शिक्षा बेहतर तरीके से हो सके।
लाडली योजना हरियाणा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है:
1. बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना।
2. लैंगिक भेदभाव को कम करना।
3. बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना।
4. बेटियों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करना।