Hanuman Janmotsav: आप सभी को हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। हनुमान जयंती, जिसे हनुमान जन्म उत्सव भी कहा जाता है, जो हिंदू धर्म का एक त्योहार है,जो की भगवान हनुमान जी के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के लिए हनुमान जयंती बहुत ही खास है। हनुमान जी को बजरंगबली, संकट मोचन, महावीर आदि कई नामों से भी जाना जाता है। राम नवमी क्यों मनाई जाती है
Contents
- 1 हनुमान जन्मोत्सव की पौराणिक कथा
- 2 हनुमान जन्मोत्सव का महत्व और खास संयोग
- 3 हनुमान जन्मोत्सव की पूजा का शुभ मुहूर्त
- 4 हनुमान जन्मोत्सव पर प्रसाद में क्या भोग लगाएं
- 5 हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि
- 6 हनुमान जी के बारह नाम
- 7 हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं हिंदी में(Hanuman Janmotsav Wishes in Hindi)
- 8 Hanuman Janmotsav Wishes in English
- 9 हनुमान जन्मोत्सव स्टेटस इन हिंदी(Hanmuan Janmotsav Status)
- 10 हनुमान जन्मोत्सव रंगोली डिज़ाइन(Hanuman Janmotsav Rangoli Design)
- 11 हनुमान चालीसा(Hanuman Chalisa)
- 12 हनुमान जी के मंत्र(Hanuman ji Mantra Hindi)
- 13 FAQ
हनुमान जन्मोत्सव की पौराणिक कथा
हनुमान जी की माता अंजना पूर्व जन्म में स्वर्ग लोक की अप्सरा पुंजिकस्थला थी। जिनका रूप अत्यंत सुंदर और अत्यधिक मनमोहक लेकिन स्वभाव नटखट और चंचल था। अपने इस नटखट स्वभाव के कारण इन्होंने दुर्वासा ऋषि की तपस्या को भंग करने की कोशिश की। जिस कारण श्राप वश उन्हें वानर योनि में जन्म लेना पड़ा। बाद में अंजना का विवाह वानर राज केसरी के साथ हुआ।
वानर राज केसरी और माता अंजना के पुत्र प्राप्ती के लिए 12 वर्षों तक शिवजी की कठिन उपासना की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने वरदान दिया कि उन्हें एक वीर, बुद्धिमान और शक्तिशाली पुत्र की प्राप्ति होगी। इस कारण हनुमान जी को शिव जी का 11 वा रुद्र अवतार भी कहा जाता है।
पवन देव की शक्तियों और अन्य देवताओं की शक्तियों की वजह से हनुमान जी बाल्यावस्था से ही अत्यंत नटखट स्वभाव के थे। जिस कारण वह कभी सूर्य को निगल लेते, कभी ऋषियों की तपस्या को भंग करते, जिस कारण उन्हें अपनी शक्तियों को भूल जाने का श्राप मिला। रामायण में लंका कांड में जामवंत द्वारा अपनी शक्तियों का ज्ञान कराने पर हनुमान जी विशाल रूप धर माता सीता की खोज के लिए गए। रावण की लंका जलाने से लेकर संजीवनी बूटी खोज लाने तक, हनुमान को प्रभु राम की लंका पर विजय का काफी श्रेय दिया जाता है।
हनुमान जन्मोत्सव का महत्व और खास संयोग
हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाती है। जो सामान्य रूप से कैलेंडर के हिसाब से मार्च या अप्रैल में होता है। इस साल हनुमान जयंती का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। क्योंकि हनुमान जयंती मंगलवार के दिन है। जब हनुमान जयंती मंगलवार या शनिवार के दिन पड़ती है तो हनुमान जयंती और भी विशेष होती है। हनुमान जयंती पर एक और संयोग बन रहा है कि इस दिन मंगल मीन राशि में गोचर कर रहे हैं।
पौराणिक कहानियों के अनुसार हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है। हनुमान जी कलियुग में भी हैं और अपने भक्तों के सभी संकटों और कष्टों को दूर कर रहे हैं। जो लोग आकस्मिक संकट, रोग पीड़ा, मृत्यु भय जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है
हनुमान जन्मोत्सव की पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के तिथि 23 अप्रैल 2024 को सुबह 3:25 बजे से शुरू होगी, और 24 अप्रैल 2024 को सुबह 5:18 बजे समाप्त होगी। इस कारण हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस समयकाल में पूरे दिन शुभ रहेगा।
त्यौहार | हनुमान जन्मोत्सव |
कब आती है | चैत्र मास की पूर्णिमा को |
जन्मोत्सव मुहूर्त | 23 अप्रैल सुबह 3:25 से 24 अप्रैल सुबह 5:18 बजे तक |
तारीख | 23 अप्रैल 2024 |
हनुमान जन्मोत्सव पर प्रसाद में क्या भोग लगाएं
ऐसे तो हनुमान जी को सभी चीज प्रिय हैं भोग में आप निम्नलिखित दिए भोग लगा सकते हैं:
मीठी बूंदी– हनुमान जी को मीठी बूंदी या बूंदी से बने लड्डू अधिक प्रिय है।
पान का बीड़ा– आप सच्चे भाव से बजरंगबली को हनुमान जयंती के दिन मीठा पान का बीड़ा चढ़ाएं और अपना काम हनुमानजी को सौंपने के लिए, दुश्मन से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय बहुत कारगर है।
लाल फल- हनुमान जी को लीची, सेब, अनार जैसे लाल फल पसंद है। बजरंगबली मंगल ग्रह के स्वामी माने गए हैं। मान्यता है इससे मंगल दोष समाप्त होता है। मांगलिक कार्य में बाधा नहीं आती।
इमरती या जलेबी– हनुमान जयंती पर बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए इमरती, जलेबी,या मालपुआ का भोग लगा सकते हैं। ये हनुमान जी को प्रिय है।
गुड़ चना– बजरंगबली को हनुमान जयंती पर गुड़ चने का भोग लगाना सबसे शुभ माना गया है।
बेसन के लड्डू– हनुमान जयंती पर हनुमान जी को बेसन के लड्डू चढ़ाने से शनि परेशान नहीं करते हैं।
दाल और रोटी– हनुमान जी को दाल और रोटी का प्रसाद भी बहुत पसंद है।
हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि
- हनुमान जन्मोत्सव व्रत की पूर्व रात को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और सीता माता के साथ साथ हनुमान जी का स्मरण करें।
- प्रातः जल्दी उठकर दोबारा माता सीता, भगवान राम एवं हनुमान जी को याद करें।
- एक शुभ और साफ़ स्थान चुनें जहां आप हनुमान जी की मूर्ति या छवि को रख सकें। यह स्थल पूजा के लिए उपयुक्त होना चाहिए।
- हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष बैठें और उनके चरणों की ध्यान धरें। मन में उनकी उपासना करें और उनकी कृपा की कामना करें।
- हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ हनुमते नमः” या “हनुमान चालीसा”। उनके मंत्रों का जाप करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उनकी प्रीति और श्रद्धा को बढ़ाता है।
- पूजा के लिए दीपक, फूल, चावल, रोली, अक्षत, गुड़, बेल पत्र, चंदन, रक्तचंदन, सिंदूर, गंगाजल, पंचामृत, आदि की सामग्री का इस्तेमाल करें।
- हनुमान जी की आरती गाएं।
- हनुमान जी के भजन गाएं और उनकी महिमा का गान करें।
- हनुमान जी को वंदना करें और उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगें।
- पूजा के बाद प्रसाद तैयार करें और उसे सभी को वितरित करें।
हनुमान जी आठ चिरंजीवियों में से एक हैं। उन्हें अमर होने का वरदान प्राप्त हैं। कहां जाता है कि भगवान राम से अमर होने का वरदान पाने के बाद हनुमान जी ने गंधमादन पर्वत पर निवास बनाया और इसी स्थान में कलयुग में धर्म के रक्षक के रूप में हनुमान जी निवास करते हैं। चैत्र नवरात्री का क्या महत्व है
ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार हनुमानजी को अष्ट चिरंजीवियों में एक माना गया है। अष्ट चिरंजीवियों के नाम कुछ इस प्रकार है:
- अश्वथामा
- वेद व्यास
- हनुमान जी
- दैत्यराज बलि
- विभीषण
- कृपाचार्य
- परशुराम
- मार्कण्डेय ऋषि
हनुमान जी के बारह नाम
- पवनपुत्र
- मारुति
- महावीर
- बजरंगबली
- कपीश्वर
- अंजनेय
- संकट मोचन
- पवन कुमार
- रामदूत
- पवन तनय
- अंजनी पुत्र
- बलवंत
हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं हिंदी में(Hanuman Janmotsav Wishes in Hindi)
- हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर, आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं।
- भगवान हनुमान के जन्मोत्सव पर, आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि का आगमन हो।
- हनुमान जन्मोत्सव के इस मंगल अवसर पर, भगवान हनुमान आपके सभी संकटों को दूर करें।
- आपको हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान हनुमान आपके जीवन को सदैव प्रकाशमय बनाए रखें।
- हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर, आपको वीरता, धैर्य और आत्मविश्वास की प्राप्ति हो।
- भगवान हनुमान के जन्मोत्सव पर, आपको उत्तम स्वास्थ्य, खुशियां और सफलता मिले।
- हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर, आपके जीवन में अत्यधिक शक्ति, सम्मान और सफलता का आगमन हो।
- भगवान हनुमान के जन्मोत्सव पर, आपके सभी इच्छाएं पूरी हों और आपका जीवन खुशियों से भरा रहे। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषी पंप योजना
Hanuman Janmotsav Wishes in English
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- On this auspicious occasion of Hanuman Janmotsav, may you be blessed with happiness, peace, and prosperity. Happy Hanuman Jayanti!
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हनुमान जन्मोत्सव स्टेटस इन हिंदी(Hanmuan Janmotsav Status)
हनुमान जन्मोत्सव रंगोली डिज़ाइन(Hanuman Janmotsav Rangoli Design)
हनुमान चालीसा(Hanuman Chalisa)
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा।कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।काँधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरीनंदन।तेज प्रताप महा जग वन्दन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।नारद सारद सहित अहीसा।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों युग परताप तुम्हारा।है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को भावै।जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई।जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।छूटहिं बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
हनुमान जी के मंत्र(Hanuman ji Mantra Hindi)
भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र
हं हनुमंते नम:।
स्वास्थ्य के लिए मंत्र
नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट दूर करने का मंत्र
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
मनोकामना के लिए मंत्र
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
शत्रु पर विजय हेतु मंत्र
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
धन प्राप्ति के लिए मंत्र
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं
दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय महाबलपराक्रमाय
महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा।
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FAQ
हनुमान जी को कौन सा फूल पसंद है?
भगवान हनुमान जी को लाल या पीले रंग के पुष्प ही अर्पित करने चाहिए।
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को क्या चढ़ाना चाहिए?
हनुमान जन्मोत्सव के दिन उन्हे लड्डू, पंचमेवा, जलेबी, दाल बाटी, इमरती और बूंदी आदि का भोग लगा सकते है।
हनुमान जयंती पर हमें घर पर क्या करना चाहिए?
हनुमान जयंती पर हमें घर पर ही रामायण और महाभारत का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। फिर व्रत आदि करके कथा सुननी चाहिए।
हनुमान जन्मोत्सव पर क्या नही करना चाहिए?
इस दिन आपको अपने आस पास का वातावरण और मन सिद्ध तथा स्वच्छ रखना चाहिए और गुस्सा तथा लड़ाई झगडे से बचना चाहिए।