Ram Navami: सबसे पहले आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान राम हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं। भगवान राम को ही पूर्ण मर्यादा पुरुषोत्तम माना जाता है। रामनवमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। जो भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है।
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रामनवमी का आयोजन भगवान राम के जन्म की जयंती के रूप में होता है। नवरात्रि का समापन रामनवमी के साथ होता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम का धरती पर जन्म इसी दिन हुआ था। श्री राम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए थे। श्री राम स्वयं भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है
भगवान राम के जन्मदिन खुशी और उल्लास के इस त्योहार को मनाने का उद्देश्य हमारे भीतर “ज्ञान के प्रकाश का उदय” है।
राम का अर्थ है स्वयं का प्रकाश; अपने भीतर प्रकाश। “रवि” शब्द “राम” शब्द का पर्याय है। रवि शब्द में, ‘आर’ का अर्थ है प्रकाश और “वी” का अर्थ है विशेष। इसका अर्थ है हमारे भीतर अनन्त प्रकाश। राम हमारे ह्रदय का प्रकाश है।
राम नवमी का त्योहार भारत के लोगों द्वारा ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म त्रेता युग के चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था। शास्त्रों के अनुसार राजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं और तीनों की ही कोई संतान नहीं थी। संतान का सुख प्राप्त न कर पाने की वजह से राजा और उनकी रानियों के पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं था। संतान का सुख भोगने के लिए राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ के शरणागत हो गए थे। जहां उन्हें यज्ञ करने की सलाह दी गई थी। राजा दशरथ को संतान प्राप्ति हो इसलिए महर्षि ऋषि श्रंगी द्वारा यज्ञ सम्पन्न करवाया गया था।
राजा को पायसम का एक कटोरा (दूध और चावल से तैयार भोजन) सौंप दिया और उनकी पत्नियों के बीच यह भोजन वितरित करने के लिए कहा गया। राजा ने अपनी पत्नी कैकेयी और कौशल्या और एक अन्य आधा पायसम का हिस्सा पत्नी सुमित्रा को दे दिया।
इस भोजन के कारण राम (कौशल्या से), भरत (कैकेयी से) , लक्ष्मण व शत्रुघ्न (सुमित्रा से) का जन्म हुआ।
लक्ष्मण (भगवान राम के छोटे भाई) का अर्थ है सतर्कता, भरत का अर्थ है योग्य, शत्रुघ्न का अर्थ है जिसका कोई दुश्मन नहीं है या जिसका कोई विरोधी नहीं हैं।
भगवान राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी भी नवरात्रि से जोड़कर देखी जाती है। ऐसा कहते हैं कि जिस वक्त श्री राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए युद्ध लड़ रहे थे उस समय रावण पर विजय पाने के लिए भगवान श्री राम ने देवी दुर्गा का अनुष्ठान किया था। यह पूजा अनुष्ठान पूरे 9 दिनों तक चला था। जिसके बाद मां दुर्गा ने भगवान श्री राम के सामने प्रकट होकर उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया था। दसवें दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर विजय हासिल की थी।
हर साल मार्च-अप्रैल के महीने में ही चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम भक्त राम नवमी के रूप में बड़े जोर शोर और उल्लास के साथ मनाते हैं। भगवान राम हिन्दू धर्म के महानायकों में से एक हैं, जिन्होंने सत्य, धर्म और न्याय की प्रेरणा दी।
रामनवमी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस बार 16 अप्रैल को दोपहर 1:30 बजे से चैत्र शुक्ल नवमी तिथि शुरू हो जाएगी और उसकी समाप्ति 17 जनवरी दोपहर 3:14 बजे होगी। इस दिन रवि योग है और अश्लेषा नक्षत्र पूरी रात्रि तक है।
त्योहार | रामनवमी |
कब आता है | चैत्र शुक्ल नवमी को |
इस बार शुभ मुहूर्त | 17 अप्रैल 2024 सुबह 11:03 से 1:38 बजे तक |
जन्मोत्सव का समय | 12:21 PM |
रामनवमी कैसे मनाया जाता है
यह त्योहार हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है और इसमें भगवान राम के पूजन के अलावा भजन-कीर्तन, कथा की पाठ, रामलीला, और सामाजिक और धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है। यह एक उत्साही और धार्मिक माहौल में मनाया जाता है।
सनातन धर्म में राम नवमी का बहुत गहरा महत्व है। इस दिन को शास्त्रों के अनुसार बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। प्रभु राम के जन्मदिन पर दीपोत्सव जैसी खुशियां मनाते हैं। बुराई पर अच्छाई की विजय प्राप्ति का संदेश देने के लिए भगवान विष्णु ने भी श्री राम के रुप में पुनर्जन्म लिया था। श्री राम के नाम का जप करने से प्राणी मात्र के जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष और उल्लास के दीप जल उठते हैं। हनुमान जन्मोत्सव क्यों मनाते है, कब है, शुभ मुहूर्त, व्रत
लोग इस दिन को विशेषकर मनाते हैं, घरों को सजाते हैं, मन्दिरों में भगवान राम की मूर्तियों की पूजा अर्चना करते हैं, राम कथा का पाठ करते हैं और भजन कीर्तन करते हैं इस दिन को लोग धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं और दिनभर भगवान राम का जिक्र करते हैं। विभिन्न भागों में रामलीला का आयोजन भी किया जाता है।
राम नवमी की पूजा की विधि
राम नवमी के त्योहार पर हिंदू धर्म के लोगों द्वारा देवी देवताओं का पूजन किया जाता है। राम नवमी की पूजा की विधि निम्नलिखित में है।
- रामनवमी के दिन लोग ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर स्नान करते हैं। यह एक शुभ समय होत है। और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- पूजा की शुरुआत में, भगवान राम का ध्यान करें। मन में उनके चित्र को स्थापित करें और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें।
- भगवान राम के विग्रह, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, कुमकुम, अभिषेक के लिए पानी और नर्मदा जल, आदि की तैयारी करें।
- भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण की मूर्ति या फोटो को जलार्पण कर, रोली, लेपन, चावल चढ़ाया जाता है।
- रामनवमी के दिन रामायण की कथा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। यह भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण करता है। चैत्र नवरात्री का क्या महत्व है, कैसे मनाये, पूजा की विधि
राम नवमी का व्रत कैसे करे
एक लकड़ी के चौकोर टुकड़े पर स्वस्तिक बनाकर एक जल से भरा गिलास रखते है और साथ ही अपनी अंगुली से चांदी का छल्ला निकाल कर रखती है। इसे प्रतीक रूप से गणेशजी माना जाता है। व्रत कथा सुनते समय हाथ में गेहूं के दाने लेकर कहानी सुनने का भी महत्व कहा गया है।
इस दिन मन्दिर में अथवा घर में ध्वजा, पताका, तोरण और बंदनवार आदि से सजाने का विशेष विधि विधान है। रामनवमी के दिन भक्त व्रत के साथ भोजन करते हैं और विशेष भोजन तैयार किया जाता है और उसे पूजा के बाद भगवान का प्रसाद माना जाता है।
- रामनवमी की आपको बहुत-बहुत बधाई!
- श्री राम जय राम! रामनवमी की शुभकामनाएं!
- आपको रामनवमी की मंगलमय शुभकामनाएं!
- रामनवमी के इस पावन पर्व पर, आपको खुशियों का अभिलाषी
- रामनवमी के दिन आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए
- रामनवमी की आपको ढेरों शुभकामनाएं!
- भगवान राम के जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं!
- रामनवमी के दिन आपके जीवन में नयी उमंग आए!
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FAQ
भगवान राम का नाम किसने रखा था और उनके बचपन का नाम क्या था?
भगवान राम को बचपन में राघव बुलाते थे और नामकरण संस्कार में गुरु वशिष्ठ जी ने उनका नाम राम रखा था।
भगवान राम को कोडंडे क्यों कहते है?
कोडंड धनुष धारण करने के कारण उन्हे नाम कोडंडपानी भी कहते है।
इस साल 2024 को रामनवमी कब मनाई जाएगी?
इस वर्ष 17 अप्रैल 2024 को राम नवमी मनाई जाएगी। इस दिन पूरे दिन रवि योग बन रहा है, और भगवान राम के सूर्यवंशी राजा होने के कारण यह एक सुंदर योग बन रहा है।